प्रतिनिधि मेरे ग्रामवासी हैं मुझ पर प्रतिनिधित्व का आभार जताया है।
” साकार करना है सपने उनके जिन्होंने
अपना आसार बनाया है”
गौरेला पेंड्रा मरवाही – मरवाही नगरीय चुनाव गहमा गहमी के दौरान
भूतपूर्व उपसरपंच श्री मति मधु धीरेन्द्र उपाध्याय ने तर्क वितर्क में जो भी अपने गांव या नगर पंचायत के लिए कही है।
उनकी सूझबूझ और नेक क्षवि के कारण गांव के लोगों ने उन्हें नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि के रूप में खड़ा करने का एक मात्र विकल्प समझ कर चुनावी मैदान में उतारा था।
लेकिन कुछ राजनीति और रणनीति मतभेद के कारण गांव से ही प्रतिद्वंद्वी का खड़े होना चिंतनीय है
ओ आपसे साझा करना आवश्यक है
उनके लिए हमारा सवाल था?
आपने पंचायत चुनाव के दौरान क्या किया जबकि आप एक महत्वपूर्ण सीट उपसरपंच के पद पर थी?
जवाब उनका सहज व सरल शब्दों में था ।
हमारा गांव पहले ग्राम पंचायत था और हर गांव में प्रतिनिधित्व करने का अधिकार गांव के सरपंच को होता है।
मैं कुछ कार्य या कार्यकरने की शैली का विरोध करती थी।
लेकिन उनके हाथ में पूरा सिस्टम था मेरा सुनता ही कौन।
हमारा सवाल था?
आपका व्यक्ति गत विचार या सोच क्या है?
उनका जवाब था अगर मैं गलत कार्य का विरोध करती तब मुझे नाम मात्र का अधिकार था क्योंकि मेरे समर्थन या साथ कोई भी नहीं था ।
आज मैं अपने सामर्थ के लिए नहीं अपितु अपने लोगों के हित के लिए लड़ रही हूं।
जो लोग राजनीति के चकाचौंध उजाले में
मासूम जनताओं को अंधेले में ढकेल देते हैं।
उन्हें पारदर्शिता राजनीति से अवगत कराना चाहती हूं।
।।।। झूठे वादे और आश्वासन से अपना नींव नहीं रखना है मुझे ।
डगर पूर्वजों ने बनाया है वहां
अपनों के साथ चलना है मुझे ।।।




