गोपिका गुप्ता का भाजपा से बगावत शुरू, कलेक्टोरेट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक चुनाव के लिए नामांकन फार्म लिया…

रायगढ़ सीट से विधायक के लिए जैसे ही ओपी चौधरी के नाम की घोषणा होने के बाद ओपी चौधरी पार्टी नेताओं से घर-घर जाकर मिलकर आशीर्वाद ले रहे हैं। तो वही दूसरी तरफ भाजपा नेत्री पुसौर जिला पंचायत सदस्य गोपिका गुप्ता अभी भी लगातार चुनाव लडने के लिए गांव गांव जाकर जनसंपर्क कर रही हैं। गोपिका गुप्ता लगातार अपने पुसौर क्षेत्र में अपना प्रचार प्रसार अपने पति प्रमोद गुप्ता के साथ कर रही हैं जिसमे भाजपा लोकसभा व जिला सह संयोजक सोशल मीडिया प्रभारी तुहर दिनकर भैया के नाम से विख्यात दीपक दिनकर भी भाजपा से बगावत करने में गोपिका गुप्ता का साथ दे रहा है।



देखा जाए तो पिछले कई महीना से गोपी गुप्ता इस बार कोलता समाज से टिकट मिलने पर खुद को प्रथम दावेदार समझते हुए अपने क्षेत्र के गांव-गांव में स्कूलों में दुर्गा पंडाल में मंदिरों में बाजारों में जाकर भाजपा के नाम से प्रचार प्रसार कर रही थी, किंतु जैसे ही ओपी चौधरी का टिकट फाइनल हुआ उसके बावजूद गोपिका का लगातार जनसंपर्क अपने पति प्रमोद गुप्ता एवं दीपक दिनकर के साथ लगातार कर रही थी, जिसको देखते हुए भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की किंतु उसके बावजूद बाद गोपिका लगातार जनसंपर्क कर रही है, उनके द्वारा कहा जाता है कि बार-बार यहां कोलता समाज के साथ उपेक्षा की जाती हैं और समाज को टिकट नहीं दिया जा रहा है सिर्फ और सिर्फ मारवाड़ी और अघरिया समाज को ही मौका दिया जाता है इसलिए वह अब फुल बगावत के मूड में है। या दूसरे शब्दो में कहा जाए तो मोटे रकम के बोली के इंतजार कर रही हैं।
गोपिका ने आज 21 अक्टूबर शनिवार को अपने नाम से निर्दलीय रूप से विधायक के प्रत्याशी के रूप में टिकट लड़ने के लिए कलेक्ट्रेट से नामांकन फार्म ले लिया
आखिरकार गोपिका गुप्ता को कौन सपोर्ट कर रहा है कि वह बगावती मोड पर आ चुकी है जिनका कोई जन समर्थन नहीं है, फिर भी अगर ये चुनाव लड़ती है तो पुसौर बेल्ट के 5 से 6 हजार वोट को इफेक्ट कर सकती हैं जिनकी मीटिंग में 4 से 5 लोग ही खड़े होते हैं आखिर कौन इनको उकसा रहा है।
गोपिका गुप्ता, उनके पति प्रमोद गुप्ता एवं दीपक दीनकर को पार्टी से निष्कासित कब किया जाएगा।
अगर कोई भी व्यक्ति पार्टी के विरुद्ध जाकर कार्य करें या पार्टी के दावेदार के खिलाफ दुष्प्रचार करें, निर्दलीय चुनाव लड़े या उनका समर्थन करें या ऐसा कार्य करें जिससे पार्टी की छवि खराब हो तो पार्टी उन्हें निष्कासित कर देती है, अब इन तीनों पर कार्यवाही कब होगी यह हाई कमान ही बता पाएंगे।
तथाकथित कुछ लोग ओपी चौधरी को हराने के पीछे क्यों पड़े हैं।
अगर ओपी चौधरी जी जीतते है तो मुख्यमंत्री के प्रथम दावेदार हैं, जिस कारण आज रायगढ़ में एक ऐसा सिंडिकेट बन चुका है जो भाजपा में ही रहकर ओपी चौधरी को हराने के लिए अंदरुनी भीतरघात कर रहें है, इसका वजह यह है कि अगर ओपी चौधरी विधायक चुनाव में विजय होते हैं, तो विधायक बनने के बाद रायगढ़ में वह सारे कार्य करेंगे जो प्रकाश नायक पिछले पांच साल में नहीं कर पाए, उन्होंने रायगढ़ को शिक्षा का हब बनाने का संकल्प लिया है, वही रायगढ़ के चारों ओर रिंग रोड, संजय मार्केट का कायाकल्प एवं रायगढ़ में चारों तरफ फैलें फैक्ट्रीयों के द्वारा वातावरण में घोलने वाले जहरीले धुएं को बंद कराया जाएगा, वहीं लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि आप चौधरी अगर विधायक बन जाते हैं तो भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं, रायगढ़ में अब तक जो भ्रष्टाचार करके, अपनी मनमानी करके रसुखदारी करके पैसा कमाते थे, उनका जीना हराम कर देंगे वही तथाकथित कोतरा रोड के गुंडो को भी आड़े हाथ लेकर छठी का दूध याद दिला देंगे। रायगढ़ फिर से महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाएगा। सुनने में आ रहा है कि रायगढ़ एवं रायपुर के कुछ करोड़पति भाजपा नेता गोपिका गुप्ता को बैक डोर से सपोर्ट कर रहे हैं, और वही फाइनेंस भी कर रहे हैं ताकि ओपी चौधरी को हराया जा सके। ये वही लोग है जो पिछले बार 2018 के चुनाव में ओपी चौधरी के खिलाफ दुष्प्रचार कर उनका वोट काटा था।




