
रायगढ़@टक्कर न्यूज :- सुभाष चौक, रायगढ़ का वो दिल जो कभी धड़कता था, अब जाम की जकड़ में तड़प रहा है। सड़कों पर गाड़ियों का अंबार, दुकानदारों का बेपरवाह रवैया, और ट्रैफिक पुलिस की खामोशी—ये है आज के सुभाष चौक की हकीकत। अवैध पार्किंग का तांडव ऐसा कि सड़कें सिकुड़ गईं, और जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
जाम का ‘महाकाव्य’, जनता बेबस
सुबह की चाय से लेकर रात की रोटी तक, सुभाष चौक पर जाम का नजारा हर वक्त तैयार रहता है। दुकानों के सामने गाड़ियां इस अंदाज में खड़ी हैं, मानो सड़क उनकी जायदाद हो। पैदल चलने की जगह नहीं, साइकिल तो दूर, ऑटो और बाइक भी जाम में फंसकर हांफ रहे हैं। स्थानीय निवासी का कहना है, “बाजार जाना मुसीबत हो गया है। दुकानदार गाड़ियां सड़क पर खड़ी करते हैं, और पुलिस बस चालान काटकर खानापूरी करती है।”
दुकानदारों की दादागिरी, पुलिस की चुप्पी
चौक के आसपास दुकानदारों ने सड़क को अपनी ‘पर्सनल पार्किंग’ बना रखा है। एक दुकानदार ने तो बेतुके तर्क के साथ तर्क दिया, “पार्किंग की जगह ही नहीं है, तो गाड़ी कहां खड़ी करें? प्रशासन पहले व्यवस्था करे!” लेकिन भाई साहब, सड़क तो सबकी है, आपकी जागीर नहीं! ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि वे नियमित चेकिंग करते हैं, मगर चौक पर गाड़ियों का ‘मेला’ उनकी पोल खोल रहा है। एक स्थानीय युवा ने तंज कसा, “पुलिस को शायद जाम में मस्ती मिलती है, तभी तो अवैध पार्किंग पर आंखें मूंदे रहते हैं।”
क्या है हल?
जनता का साफ कहना है—ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम को नींद से जागना होगा। अवैध पार्किंग पर सख्त कार्रवाई, दुकानदारों पर लगाम, और पार्किंग जोन के लिए ठोस योजना जरूरी है। सुभाष चौक से श्याम टॉकीज मार्ग को जाम के इस तमाशे से आजादी दिलानी होगी, वरना ये शहर का दिल नहीं, सिरदर्द बन जाएगा।
सवाल ये है—क्या प्रशासन अब भी ‘सब चंगा सी’ का ढोल पीटेगा, या सुभाष चौक को सांस लेने की आजादी देगा?