धड़ो में बंटी घरघोड़ा भाजपा , जनपद पंचायत कुर्सी के लिए दोनों आमने-सामने गुटबाजी से भाजपा की जमकर हो रही छीछालिदेर
विभीषण से कांग्रेस को फिर होगा फायदा ?….
रायगढ़/घरघोड़ा: नगर पंचायत चुनाव में करारी हार के बावजूद घरघोड़ा भाजपा ने कोई सबक नहीं लिया। अब जनपद पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के भीतर जबरदस्त कलह मची हुई है। दोनों मंडल के भाजपा नेता के आमने सामने होने के कारण भाजपा की अंदरूनी फूट खुलकर सामने आ गई है। इस गुटबाजी से भाजपा की जमकर किरकिरी हो रही है, और पार्टी कार्यकर्ता असमंजस में हैं।
भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं में आक्रोश….
सूत्रों के मुताबिक, दोनों गुटों में 7-7 जनपद सदस्य हैं। दिलचस्प यह है कि उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से आए संजय अग्रवाल को समर्थन मिल रहा है, जिन्होंने हाल ही में भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष को हराया था। नगर पंचायत चुनाव में भाजपा की हार के पीछे जिन नेताओं की भूमिका थी, वही अब बड़े नेताओं के करीब नजर आ रहे हैं, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है।
भाजपा की अंदरूनी कलह कांग्रेस को दे सकती है संजीवनी…
रायगढ़ जिले के घरघोड़ा तहसील में भाजपा के पास सांसद, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और कई बड़े नेता मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी नगर पंचायत चुनाव हार गई। सूत्रों कि माने तो यह गुटबाजी जारी रही तो जनपद पंचायत चुनाव में भी हार का खतरा मंडरा रहा है, जिससे कांग्रेस को बड़ा फायदा मिल सकता है।
पदलोलुपता से कार्यकर्ता नाराज…
भाजपा के भीतर खाने कि चर्चा में नव निर्वाचित जनपद सदस्य संजय अग्रवाल, जो कभी कांग्रेस के नेता थे, अब भाजपा में सिर्फ पद की लालसा के लिए सक्रिय हैं। वहीं पार्टी में राजेंद्र नाम के किसी ब्यक्ति द्वारा निज स्वार्थ के लिए विभीषण का किरदार निभा रहे हैं और भाजपा का काम करते हुए पार्टी को भीतर से कमजोर करने का काम करते रहे हैं। इस आंतरिक खींचतान से न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है, बल्कि भाजपा की छवि भी धूमिल हो रही है।
क्या भाजपा नेतृत्व इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर पार्टी का यह अंतर्कलह कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित होगा?