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“धर्मजयगढ़ में पुलिस की शर्मनाक निष्क्रियता: लूटपाट के शिकार घायल ट्रक ड्राइवर को मदद की जगह मिले ताने, लुटेरे फरार”

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धर्मजयगढ़ में पुलिस की निष्क्रियता: लूटपाट के शिकार ट्रक ड्राइवर को नहीं मिली मदद, गंभीर सवालों के घेरे में डायल 112..!!

रायगढ़@टक्कर न्यूज :- जिले के धर्मजयगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस की 112 आपातकालीन सेवा की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। धरमजयगढ़ से हाटी मार्ग में खड़गांव के पास बीती रात एक ट्रक ड्राइवर के साथ हुई क्रूर लूटपाट की घटना ने पुलिस की संवेदनहीनता और निष्क्रियता को उजागर किया है। पीड़ित को न केवल समय पर मदद नहीं मिली, बल्कि 112 सेवा के कर्मियों ने उसे ताने मारकर और समझाइश देकर मामले को टालने की कोशिश की। यह घटना स्थानीय लोगों में आक्रोश और पुलिस की कार्यप्रणाली पर अविश्वास का कारण बन रही है।

घटना के अनुसार, मनमोहन ट्रांसपोर्ट की ट्रेलर (NL-01-N-4809) चला रहे ड्राइवर को रात 10:00 से 10:30 बजे के बीच यामाहा R15 बाइक पर सवार तीन हथियारबंद बदमाशों ने मुख्य मार्ग पर रोका। बदमाशों ने ड्राइवर को ट्रेलर से खींचकर बाहर निकाला और रॉड से उसके सिर पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो गया। चाकू की नोंक पर बदमाशों ने वाहन की चाबी छीन ली और ड्राइवर के पास मौजूद 6-7 हजार रुपये नकद लूट लिए।

आतंकित और घायल ड्राइवर ने पास के ढाबे में शरण ली और तत्काल 112 पुलिस सेवा को फोन के माध्यम से सूचना दी जिसके बाद (7611103581) नंबर से ड्राइवर को पुलिस का फोन आया । लेकिन, आपातकालीन सेवा से मदद की उम्मीद करने वाले पीड़ित को निराशा हाथ लगी। 112 के कर्मी ने ड्राइवर को सहायता प्रदान करने के बजाय उल्टा तंज कसते हुए कहा, “रात में वहां क्यों रुके? लुटेरों पर गाड़ी चढ़ा देना था।” जब ड्राइवर ने जवाब दिया कि ऐसा करने से उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती थी और उसका परिवार संकट में पड़ सकता था, तो कर्मी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, “लूट के दौरान तुम्हें कुछ हो जाता, तब परिवार को क्या होता? सुबह थाने आकर रिपोर्ट करो।”

लगभग दो घंटे बाद 112 की टीम घटनास्थल पर पहुंची। दुबारा बाइक सवार घटना स्थल के पास से धरमजयगढ़ की ओर गुजरे जिसपर डॉयल 112 और स्थानीय लोगों ने बाईक सवार लुटेरों का पीछा किया जो कि बाइक सवार का प्रेमनगर के आगे वैदेही पेट्रोलपंप के पास बाईक अनियंत्रित हो गया जिससे वे खेत में गिर गए और पुलिस और ग्रामीण की पकड़ से बचने के लिए खेत में भागकर छिप गए बाईक क्रमांक (CG-12-BS-6879) खेत में पड़ी थी वही बाईक को वैदेही पंप में डायल 112 की टीम छोड़कर चली गई जब ग्रामीण बोले कि बाइक को थाना ले जाइए या फिर टायर का हवा खोलकर रख दीजिए कहने पर 112 की टीम द्वारा थाना ले जाने की बात कही परन्तु गाड़ी थाना पहुंचने से पहले ही लुटेरों द्वारा रात्रि करीब 3 बजे पेट्रोल पंप से चला के गए। पूरे मामले में पूर्ण लापरवाही बरती गई डॉयल 112 की टीम द्वारा।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले इसी स्थान पर मछली व्यापारियों के साथ भी ऐसी ही लूटपाट की घटना हुई थी, जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह लगातार दूसरी घटना पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही को रेखांकित करती है। घायल ड्राइवर ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि धर्मजयगढ़ पुलिस से उसे न तो समय पर मदद मिली और न ही न्याय की उम्मीद दिखी।

यह घटना पुलिस की 112 सेवा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सुदूर क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पुलिस पर भरोसा बनाए रखने के लिए जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की तत्काल और गहन जांच करनी होगी। साथ ही, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। क्या पुलिस का “सेवा, सुरक्षा, समर्पण” का नारा केवल कागजी स्लोगन बनकर रह गया है? यह सवाल अब जनता के मन में गूंज रहा है।

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