नियुक्ति से वंचित चयनित सहायक प्राध्यापकों को नई सरकार से नियुक्ति की दरकार
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के वनस्पति शास्त्र विषय के 16 सहायक प्राध्यापक चयन होने के उपरांत लगभग दो साल बाद भी नियुक्ति की राह देख रहे हैं। नियुक्ति से वंचित सहायक प्राध्यापकों से प्राप्त जानकारी अनुसार छ.ग.लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र पद हेतु 147 पदों के लिए परीक्षा आयोजित किया था तथा 140 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। चयनित अभ्यर्थियों में से 124 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व नियुक्ति प्रदान कर दिया गया लेकिन 16 चयनित अभ्यर्थियों को छ.ग. उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण नियुक्ति नहीं दी गई। माननीय उच्च न्यायालय ने उक्त मामले में 9 अक्टूबर 2023 को अपना फैसला सुनाया जिसमें नियुक्ति से वंचित चयनित सहायक प्राध्यापकों राघवेंद्र देवांगन, रंजना सिंह , दिलेश्वर प्रसाद, विजय शंकर पात्रे, आदेश प्रजापति, दीपिका महोबिया, रंजना चौधरी, पंकज कुमार , चंद्रेश,खुशी देवांगन , मनीषा टाईगर,गुलेश्वर सिंह,टोमेश्वर सिंह,दिल कुमार,मोनिका एवं रितु सोरी
को एक माह के भीतर नियुक्ति प्रदान करने का आदेश उच्च शिक्षा विभाग को दिया गया। उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने आचार संहिता का बहाना बनाकर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उलंघन करके आज 3 माह के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान नहीं किया है। उच्च शिक्षा विभाग के लापरवाही एवं निष्क्रियता के कारण चयनित सहायक प्राध्यापकों में काफी हताशा है चुंकि अब राज्य में आदर्श आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है और नई सरकार का गठन भी हो चुका है इसलिए अब सभी चयनित सहायक प्राध्यापकों को नई सरकार से जल्दी नियुक्ति की दरकार है। उम्मीद है नई सरकार सभी पीड़ित सहायक प्राध्यापकों को जल्दी नियुक्ति प्रदान करेगी।