एक ऐसा उम्मीद्वार जिसपर क्यों टिकी है सबकी नजर
गौरेला पेंड्रा मरवाही – जिले के नगर पंचायत मरवाही में पहली बार नगर पंचायत चुनाव होने जा रहा है।
जिसमें अध्यक्ष पद के साथ-साथ पार्षदों के लिए भी अपनी किस्मत आजमाने की होड अपने चरम सीमा को छू रही है।
चूंकि तीन ग्रामपंचायतों को मिलाकर नगरपंचायत का निर्माण हुआ है।
पूरे नगरपंचायत में चर्चा का विषय होने के साथ ही आमलोगों की पूरी नजर एक भूतपूर्व सरपंच जो 12 नंबर वार्ड से निर्दलीय लड़ रहे हैं ओ भी सामान्य सीट से उसमें टिकी है।
गौरतलब वाली बात है भूतपूर्व सरपंच जो अपने जनताओं के लिए साफ सिद्धांत और उनके प्रति जूझने का सामर्थ रखते हैं।
जिन्हें पिछले पंचवर्षीय पंचायती चुनाव में नामांकन पत्र को तत्कालीन सरकार से जुड़े क्षेत्रीय नेताओं ने रिजेक्ट करा दिया था।
क्योंकि ओ अपने जनताओं और गांव के हित के प्रति कभी किसी के सामने समझौता बर्दाश्त नहीं किए ।
शायद यही कर्म निष्ठा तत्कालीन सरकार के प्रभावी क्षेत्रीय नेताओं के लिए बड़ी चुनौती साबित हो गई थी।
और सिर्फ एक सरपंच को हराने के लिए कथा कथित क्षेत्रिय नेताओं ने एडी चोटी एक कर दिया था ।
अब उनका सीधा मुकाबला विगत सरकार के क्षेत्रीय नेता से होना है जिन्हें पार्टी का चिन्ह भी प्राप्त हो चुका है।
जो अपनी जीत के लिए न जाने क्या क्या पैतरे अपनाएंगे।
कुछ तो खासियत होगी जो एक छोटे से गांव के साधारण सा लगने वाले शख्स को हराने के लिए पूरे दिग्गज एक तरफ हो गए थे। और ओ अकेले एक तरफ
शोचनीय बात है इस तरह के सख्श की काबिलियत पर संदेह करना ।
एक आदिवासी हो कर सामान्य सीट से निर्दलीय
दावेदारी करना और रसूखदारों से सीधा मुकाबला करना।
हर किसी को सोचने पर विवस कर रही है।