सेमरा पंचायत में लोकपाल द्वारा किया गए जांच पर रोशन शरफ एवं पंचायत पर लग रहे आरोप निराधार हैं : रोशन शरफ
मनरेगा अंतर्गत लोकपाल श्री वेदप्रकाश पाण्डेय द्वारा वसूली हेतु पारित अधिनिर्णय में कार्यकाल में पदस्थ न रहे कार्यक्रम अधिकारी श्री रोशन सराफ पर वसूली प्रस्तावित का द्वेषपूर्ण निर्णय का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्री रोशन सराफ जनपद पंचायत गौरेला मे सितम्बर 2015 से कार्यरत हैं जबकि लोकपाल द्वारा पारित अवार्ड में 2006 से लेकर 2012 तक के जारी जॉबकार्ड भी श्री रोशन सराफ पर वसूली हेतु प्रस्तावित की गई है। इसी तरह कई निर्माण कार्य जो रोशन सराफ के कार्यकाल में हुआ ही नहीं और न ही उनके कार्यकाल में भुगतान हुआ, वो भी उनपे अधिरोपित किये गये हैं। और निर्माण कार्यों को किस शासकीय दस्तावेज के आधार पर नगर पंचायत क्षेत्र में होना घोषित किया गया वो भी लोकपाल के अवार्ड में कहीं संलग्न नहीं। लोकपाल के अवार्ड में अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग गौरेला के अध्यक्षता में गठित 06 सदस्यीय टीम की जिस जांच रिपोर्ट का उल्लेख लोकपाल द्वारा अपने अधिनिर्णय में किया गया है उस जांच रिपोर्ट के अवलोकन में पाया गया कि कहीं पर भी कार्य नगर पंचायत क्षेत्र में होने का वर्णन नहीं है। जो लोकपाल के द्वेषपूर्ण निर्णय को साफ दर्शाता है। साथ ही लोकपाल द्वारा द्वेषपूर्ण निर्णय करते हुए एक ही कार्य के भुगतान एवं मूल्यांकन से जुड़े अधिकारी में किसी को दोषमुक्त किया गया है एवं किसी पर वसूली प्रस्तावित किया गया है ये कैसा पक्षपात निर्णय है।