रेत माफियाओं का रायगढ़ में रंग-रंगीला खेल, अवैध भंडारण से धरती की छाती छलनी!
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रायगढ़@टक्कर न्यूज – छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के जूटमिल छेत्र के रखी सॉल्वेंट, महिंद्रा गोदाम के पीछे में रेत माफियाओं का रैकेट रंग में है! सूत्रों ने खुलासा किया है कि रेत के सौदागर रात के अंधेरे में डंपरों से रेत लूटकर सुनसान ठिकानों पर जमा करते हैं। फिर सुबह ट्रैक्टरों में लादकर चुपके-चुपके बेच डालते हैं, वो भी ऐसे कि किसी की भनक तक नहीं लगती। यह धंधा इतना चतुराई से चल रहा है कि माफिया मुनाफे की माया बटोर रहे हैं, और नदियां बेबस रो रही हैं।
हमारी टीम ने जब एक भंडारणकर्ता से बात की, तो उसने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैं तो बस चींटी की चाल चलता हूँ, असली शेर तो जिले के कई नाम चीन बड़े माफिया हैं, जो रेत का पहाड़ खड़ा कर मोटा माल कमा रहे हैं।” यह सुनकर साफ है कि रायगढ़ में रेत का खेल छोटा-मोटा नहीं, बल्कि संगठित अपराध की शक्ल ले चुका है। सूत्रों के बताए अनुसार माफियाओं की मनमानी से नदियों का सीना छलनी हो रहा है, और पर्यावरण दांव पर है। जिला प्रशासन और खनन विभाग पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह सब कब तक चलेगा? सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने जांच के लिए कमर कस ली है, लेकिन क्या माफियाओं का यह रंग-रंगीला खेल रुकेगा? या फिर रेत के साथ-साथ सरकारी इरादे भी बह जाएंगे?