रायगढ़

भूमाफिया का आतंक: गरीब महिला की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश, कोर्ट ने लगाई रोक.. पढ़े पूरी खबर..!!

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समाज के कमजोर तबके का शोषण करने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया..

रायगढ़@टक्कर न्यूज :- राजनीति से जुड़े कुछ गुंडा तत्वों द्वारा समाज के कमजोर तबके का शोषण करने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। रायगढ़ शहर के नए मरीन ड्राइव रोड पर स्थित एक बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया ने कब्जे की कोशिश की, लेकिन पीड़िता की शिकायत पर राजस्व न्यायालय ने तत्काल स्थगन आदेश जारी कर अवैध निर्माण पर रोक लगा दी है।जानकारी के मुताबिक, यह जमीन राजमहल के पीछे गढ़भीतर में स्थित है और इसका मालिकाना हक राजपरिवार की अरुंधति देवी के पास है। अरुंधति देवी (पिता स्व. दिलदार सिंह, पति मुनिंद्रा राज सिंह), जो खाल्हे पारा, राजापारा, राजमहल की निवासी हैं और वर्तमान में पत्थलगांव तहसील, जिला जशपुर में रहती हैं, ने बताया कि उनकी इस पैतृक संपत्ति पर लंबे समय से भूमाफिया जितेंद्र सिंह की नजर रही है। यह जमीन नजूल शीट नंबर 56, प्लॉट नंबर 219, रकबा 175 वर्गमीटर की है।भूमाफिया का दबाव और अवैध निर्माण की कोशिश

अरुंधति देवी के अनुसार, जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकार के शासनकाल में कई बार उन पर जमीन को अपने नाम रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया। इस दौरान उसने अवैध निर्माण की कोशिश भी की, जिसे वर्तमान राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह और उनके परिजनों ने रोका था। इसके बाद जितेंद्र ने कथित तौर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नाम पर फोन करवाकर दबाव बढ़ाने की कोशिश की। हाल ही में, पीड़िता के बाहर होने का फायदा उठाकर जितेंद्र ने फिर से बलपूर्वक जमीन पर नींव खोदकर दीवार निर्माण शुरू कर दिया।पुलिस और कोर्ट में शिकायत

पीड़िता की बहू ने इस मामले की लिखित शिकायत सिटी कोतवाली थाना रायगढ़ में दर्ज कराई, लेकिन जितेंद्र ने निर्माण कार्य बंद नहीं किया। इसके बाद पीड़िता ने राजस्व न्यायालय में धारा 250, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत आवेदन दायर किया। आवेदन में बताया गया कि 26 मार्च 2025 को जितेंद्र सिंह ने उनके प्लॉट पर लगाए बांस-बल्लियों को तोड़कर अवैध कब्जा शुरू किया।

न्यायालय का सख्त रुख

न्यायालय (तहसीलदार नजूल, रायगढ़) ने पीड़िता के आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जितेंद्र सिंह (निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, सेंट्रल स्कूल के पास) को अवैध निर्माण से रोक दिया। कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर जितेंद्र को जमीन से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू की और अगली सुनवाई 15 अप्रैल 2025 तय की। आदेश में कहा गया कि जितेंद्र को नियत तारीख पर जवाब देना होगा, वरना एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। स्थगन आदेश की प्रति पुलिस को भी भेजी गई है।

पीड़िता की आगे की योजना

अरुंधति देवी ने बताया कि वह इस मामले को कलेक्टर रायगढ़ के जनदर्शन में उठाएंगी। साथ ही, यदि जितेंद्र ने अवैध कब्जा जारी रखा, तो वह रायगढ़ विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से भी मदद मांगेंगी।

यह मामला एक बार फिर राजनीति और गुंडागर्दी के गठजोड़ से गरीबों के शोषण की गंभीर समस्या को उजागर करता है। अब सबकी नजर कोर्ट की अगली सुनवाई और प्रशासन के कदमों पर टिकी है।

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