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रेहण्ड पार्क रेंजर ने जेसीबी लगा सैकड़ों इमारती पेड़ क्यों करवाया नष्ट

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गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पार्क परिक्षेत्र रेंज महुली का मामला,

रेंजर के इसारे पर डिप्टी रेंजर,बीट गार्ड ने जंगल उजाड़ने का लिया है ठेका, जंगल उजाड़ कर तालाब बनाने की तैयारी

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव । जिले के वनांचल क्षेत्र गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पार्क रेंज महुली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत छतरंग बहरा जंगल के बीच में तालाब निर्माण कराने के लिए रेंजर ललित साय पैकरा, डिप्टी रेंजर भगत सिंह, बीट गार्ड राजकुमार द्वारा धड़ल्ले से जेसीबी मशीन लगा कर सैकड़ों इमारती पेड़ साल व तेंदू इत्यादि का बली दे दिया गया।

गौरतलब हो कि पार्क परिक्षेत्र में लगातार तालाब निर्माण व अन्य कार्य जोरों पर चल रहे हैं जिनमें विभागीय अधिकारी कर्मचारी संलिप्त हो कर पैसा कमाने के उद्देश्य से जंगल उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। विभाग में बड़े अधिकारी भी आंख बंद कर सिर्फ फाइल में हस्ताक्षर का किराया लेकर मस्त है।

तालाब निर्माण में जेसीबी
जानकारी के अनुसार जंगल में पशु पक्षियों के पानी पिने के उद्देश्य से निर्माण कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में अधिकारियों द्वारा जल्द कार्य खत्म करने के चक्कर में धड़ल्ले से जेसीबी मशीन उपयोग कर कार्य कराया जा रहा है जो कि शासन के नियमानुसार गलत है।
निर्माण कार्यों में वास्तव में मजदूरों का अगर उपयोग किया जाता तो सायद जंगल की बरबादी नहीं होती।क्यों जंगलों में राजस्थान से टैक्टर व मशीन मंगा कर किया जा रहा उपयोग
जंगल में होने वाले विभागीय कार्यो में लगातार राजस्थान से टैक्टर व जेसीबी मशीन मंगा कर कार्य करवाया जा रहा है इसकी खबर लगातार आ रही है जिसका स्थानीय स्तर पर वाहन मालिक भी विरोध कर रहे हैं। स्थानीय वाहन मालिकों के अनुसार पहले तो विभाग के अधिकारी कर्मचारी जंगल का दोहन पैसा कमाने के उद्देश्य से लगातार कर रहे हैं।
स्थानीय मजदूरों के पेट काट रहे हैं और स्थानीय टैक्टर व जेसीबी मशीन न लगा कर बाहर से अपना मशीन मंगा कर स्थानीय लोगों का भी रोजी रोटी पर पानी फेर रहे हैं यह गलत बात है।

बड़े पैमाने पर पेड़ हुए नष्ट
रेहण्ड पार्क परिक्षेत्र महुली रेंज में छोटे व बड़े तालाब निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन लगा कर रेंजर ललित साय पैकरा व डीप्टी रेंजर, बीट गार्ड के मनमानी से सैकड़ों इमारती पेड़ों की बलि चढ़ी जिसकी कीमत लगभग लाखों होगी।ऐसे में आदिवासी ग्रामीण भी नाराज़ हैं।
और सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इस तरह से जंगल के रक्षक भक्षक क्यों बन बैठे हैं जो कमाई करने के उद्देश्य से जंगल खत्म कर रहे हैं।

रेहण्ड पार्क महुली से लकड़ी तस्करी भी जोरो पर – सूत्र
मिली जानकारी के अनुसार इन जंगलों से पिछले सालों से लगातार सूत्रों के मुताबिक जानकारी आ रही है कि जंगलों की कटाई करवा कर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी संलिप्त हो कर इमारती लकड़ीयो की तस्करी करवा रहे हैं। ऐसे में यह विषय अधिकारीयों के लिए गंभीरता से विचार करने वाला है कि क्या तालाब निर्माण करने के उद्देश्य से विभागीय अधिकारी अपने संरक्षण में लकड़ी कटवा कर तस्करी तो नहीं करवा रहे।

क्या इन कार्यों में वन विभाग के मगरमच्छ का भी है हाथ
रेहण्ड पार्क परिक्षेत्र महुली रेंज के इन तालाब निर्माण कार्य में राजस्थान से आ कर भंवरलाल व शैतान नामक व्यक्ति वन विभाग के एक बड़े अधिकारी जो वन विभाग के मगरमच्छ नाम से मशहूर है उनके संरक्षण से हर तालाब में अपनी जेसीबी मशीन व मिनी हाईवा टैकटर लगाते हैं और काम का ठेका लेते हैं,

उनका भी भागीदारी है यह बड़ा सवाल है क्योंकि उक्त कार्यों में भंवरलाल अपने जेसीबी मशीन व मिनी हाईवा तथा टैक्टर लगा के कार्य कर रहे हैं। ऐसे में वन विभाग के मगरमच्छ पर रेहण्ड के जंगल को खत्म करने क्या भूमिका है यह जांच का विषय है।

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