@VIDEO : आखिर अंतराज्यीय गौतस्करी को लैलूंगा क्षेत्र में किसका संरक्षण प्राप्त ?
सेटिंग से ही हो रहा है तस्करी का खेल..!! पहुंच रखने वाले सफेदपोश भी इस गोरखधंधे में शामिल…!!
रायगढ़ । लैलूंगा में गौ तस्कर इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वो अब खुलेआम मवेशियों की चोरी करने लगे हैं और जब लोग उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं तो वो उन पर हमला करने से भी परहेज नहीं करते हैं। मामला रायगढ़ से सटे ग्राम लैलूंगा का है, जहां गौ तस्कर मवेशियों की चोरी कर उसे काटने के लिए ले जाते है। लेकिन इस बात की भनक स्थानीय लोगों को लग गयी, और वो इसको जानकारी लैलूंगा थाना प्रभारी को दी जिसके बाद थाना प्रभारी ने कहा मैं प्वाइंट लगता हु जिसके बाद कोई प्वाइंट नही लगा जिसके बाद गौ तस्कर खुल्ले आम गौ को लेजाने लगे।
गौ तस्करों को पकड़ने जाने पर पत्थरों से करते है हमला तो चलाते है लाठी तलवार
लेकिन गौ तस्कर उनसे डरने की बजाय, बेखौफ होकर उनपर पत्थरो और लाठी, तलवार की बरसात करने लगते है। इस दौरान वो बच कर निकल भागने के प्रयास में झारखंड रोड से अपनी गाड़ी को बेतहाशा भगा कर निकल जाते है। जिस वजह से उन्होंने सड़क के किनारे खड़ी कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर देते है। ये तस्कर मवेशियों को चुरा कर उन्हें काटने के लिए ले जाते है। तस्करों द्वारा लगातार पत्थर और लाठी,तलवार से हमला किए जाने के के डर से कोई नही जाता और हिम्मत जुटा कर भी कोई चले जाए तो कई किलोमीटर तक उन्हें पकड़ने के लिए उनका पीछा किया जाता है पर तलवार देखा रुक जाते है ग्राम वासी।
देखा जाए तो पूरे मामले में साठ गाठ का ही खेल दिख रहा है
यह तक बात सीमित नहीं जान हथेली में रख लोग कई बार पुलिस को सूचना दिए है की इस मार्ग से या कभी उस मार्ग से होगी गौ तस्करी परंतु बस दिया जाता है तो आश्वासन। परंतु गौ तस्करी के मामले के माफियाओं को क्यों गिरफ्तार नहीं कर पाती है पुलिस छोटे तस्कर होते हैं गिरफ्तार तो कुछ दिनों बाद मिल जाती है उन्हें बेल। उसके कुछ दिन बाद फिर चालू हो जाता है। तस्करी का खेल आखिर पुलिस इतनी कमजोर क्यों पड़ चुकी है जो की खुलेआम धडेले से चलता है यह खेल। मानवता की बात तो दूसरी तरफ मानवता को ही बेच के दिखाया जाता है तो वही बोलकर जताया जाता है कि हम पकड़ेंगे पर जब सूचना दिया जाता है उसे वक्त कहां रहती है पुलिस तो पॉइंट लगाने का भी आश्वासन देकर कहां सो जाती है पुलिस घंटा पहले सूचना दिया जाता है। उसके बावजूद भी आखिर कैसे पुलिस के नाक के नीचे से पर हो जाते हैं गौ तस्कर कई बार पुलिस को आम जनता ही नहीं पत्रकारों के द्वारा भी सूचना दिया जा चुका है। इसके बावजूद भी तस्करी पर लगाम नहीं लग पाती है। एक दिन या दो दिन की नहीं यह बात यह मामला हफ्ते के बाजार के 1 दिन पहले या कभी तो हफ्ते के 3-4 दिन भी किया जाता है तो वही किसी बीच के आदमी के द्वारा भी जानकारी दिया जाता है कि इस वक्त यहां नहीं है नाकाबंदी और करवा लीजिए उनकी गाड़ियों को पार।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
खरसिया मार्क से होते हुए रायगढ़ की ओर से गाड़ियां होती होती है पार जोकि झारखंड की ओर जाती है। इस मामले में रायगढ़ के पुलिस कर्मियों व थाना प्रभारी का आंख आखिर क्यों बंद जाता है जब गौ तस्करी होती है थानों के करीब से निकलती है गाड़ी इसकी जानकारी पूर्व थानेदार को भी दी गई थी कुछ संगठन के द्वारा तो वही पत्रकारों के द्वारा भी जानकारी दी गई थी जिस पर कड़ी निगरानी ना बनाते हुए आंख बंद किया गया या यू कहें तो लापरवाही बरत दी गई जिसके कारण तस्करों की गाड़ियां रायगढ़ शहर होते हुए पार हो गई। और अभी भी होती है पार।
वर्जिन थाना प्रभारी लैलूंगा
मुझे पता चला था की गौ तस्करी होने वाली है जिसको लेकर मैने प्वाइंट लगाया था परंतु गौ तस्कर दिखाई नहीं दिए और ना ही कोई गौ दिखाई दी। और पैहले के प्रभारी ने क्या किया और क्या नहीं मुझे नही पता पर यदि मुझे कुछ पता चलता है तो मैं कार्यवाही करूंगा। लगता है इस मामले की जानकारी शायद ऊंची अधिकारियों को भी नही है।
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