@वीडियो : सार्वजनिक हित के लिए सड़क की लड़ाई लड़ रहा है बुजुर्ग.. क्या बुजुर्ग को मिलेगा इंसाफ..?
आखिर कब तक धर धर भटकेगा बुजुर्ग पीड़ित.. कब मिलेगा इंसाफ..?
रायगढ़..बालीचरण राम सतनामी पिता रामधारी ने मिडिया को बताया कि विद्याधर साहु एवं मदन साहू के द्वारा लिखित करारनामा किया गया था,कि उनके द्वारा तालाब मेड़ पार के लिए रास्ता छोड़ा गया है। बाद में इस रास्ते को नागर निगम के द्वारा बनाया जा रहा था तब आगे का काम रोकते हुए रसिक लाल और अन्य ने निर्माण को रोकते हुए मार्ग को बाधित कर दिया था।
रास्ता बाधित होने पर पीड़ित बुजुर्ग के द्वारा श्रीमान तहसील दार रायगढ़ के न्यायालय में आवेदन दिया गया। जिस पर सादेश एवं इकरारनामा के अनुसार जब-जब जांच का प्रयास किया गया तब_तब उनके परिवार के द्वारा गाली-गलौच किया गया। साथ ही पीड़ित बुजुर्ग के घर के दरवाजे पर बबूल के कांटे और मिट्टी गिरवाकर उसे कई दिनों तक प्रताड़ित किया गया। बाद में उसके आवेदन पर पुलिस और प्रशासन ने आकर उसके घर के सामने से मालवा और कांटा हटाया गया.
इस तरह कई सालों से बुजुर्ग बलीराम सतनामी ने आधे अधूरे बने सड़क के निर्माण की मांग को लेकर तहसील न्यायालय से लेकर पुलिस अधीक्षक रायगढ़ तक कई बार लिखा पढ़ी की। परंतु हल्का पटवारी और आर आई के जांच प्रतिवेदन नही जाने या गलत सलत रिपोर्ट देने के कारण आज तक बुजुर्ग पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाया है। इस तरह क्षेत्र की सड़क पूरी तरह से टूटने फूटने के बावजूद बनाई नही गई।