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राम मंदिर माडल के साथ निकली थी  रायगढ़ में पहली  शोभा यात्रा

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टूटा था C M दिग्विजय सिंह का कहर
लोगो  को  जाना  पड़ा  था  तब  जेल

रायगढ़ ।  रायगढ़ में रामनवमी का जो भव्य स्वरूप आज दिख रहा है उसके पीछे सन 2000 में हुए अन्याय अत्याचार दमन और जुल्मों सितम की दस्ता छिपी है इस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस का राज था और दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे जो हिंदूओ को प्रताड़ित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते थे उस समय रायगढ़  में देश की ऐसी पहली शोभा यात्रा निकाली गई थी जिसमे राम मंदिर का माडल प्रस्तुत किया गया था

इसकी गूंज उस समय भोपाल के सियासी गलियारे में इस कदर गूंजी की दिग्विजय सिंह ने इस शोभा यात्रा के आयोजक जिला विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल सहित उनके तीन साथी दशरथ सिंघल ओम महाराज और पुरन सिंधी को  गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था इतना ही नहीं जेल में भी उन्हें प्रताडिंत किया गया रात को नंगे फर्श पर सोने के लिए विवश किया गया

यहां तक की बिना दीवार की सीखचों से बनी जेल में न तो बिस्तर दिया गया और नही ओढ़ने के लिए कम्बल या चादर दी गई रात को चलने वाली ठंडी और सर्द हवा के साए में उन्हे सोने के लिए विवश किया जाता था खाने के  लिए जली हुई रोटियां और कंकड़ युक्त खिचड़ी दी जाती थी जेल में भी उन्हें खूंखार कैदियों के साथ रखा गया

जबकि किसी भी राजनेतिक कैदी को अलग बैरक में रखे जाने का कानूनी प्रावधान है नहाने के लिए भी उन्हे तेल और साबुन तक नही दिया गया रात भर सर्द हवाओं से ठंडे पानी से भरी  पानी की टंकी में उन्हे खूंखार व कुख्यात कैदियों की तरह नहाने के लिए भी दस कैदियों की देख रेख में भेजा जाता था जेल स्टाप को भी हिदायत थी की उन्हे किसी से मिलने और बात करने न दिया जाए जेल में हुए इस दमनकारी व्यवहार से क्षुब्ध हो कर चारों जेल में अनशन और धरने पर बैठ गए थे

जिस से घबरा कर प्रशासन और सरकार ने इन सत्याग्रहियो को चार दिन बाद जेल से निशर्त रिहा कर दिया रमेश अग्रवाल ने इस सारे वृतांत से उस समय के वरिष्ठ भाजपा नेता पी के तामस्कर व लखन लाल चौबे को भी अवगत कराया था रमेश अग्रवाल ने पूरे घटना क्रम को रेखंकित करते हुए बताया की रामनवमी की यह शोभा यात्रा 12 अप्रैल सन दो हजार में निकाली गई थी

जिसमे खुले ट्रक पर थर्मोकोल से बने भव्य और आकर्षक राम मंदिर का माडल पेश किया गया था यह शोभा यात्रा ग्रामीण अंचल से आए कीर्तन और कर्मा पार्टी के साथ रामनिवास टाकीज चौक स्थित सावडिया भवन के कैम्पस से निकली थी जो एम जी रोड़ गांधी प्रतिमा स्टेशन चौक सक्ती गुड़ी चौक होते हुए हंडी चौक सिटी कोतवाली गद्दी चौक से गलर्स स्कूल  संघ कार्यालय से होकर गौरीशंकर मंदिर पहुंची थी जहां कीर्तन के बाद सभा को पी के तमस्कार लखन लाल चौबे रमेश अग्रवाल और ओम शर्मा ने संबोधित करते हुए लोगो को कसम राम को खाते है

हम मंदिर वही बनायेगे की सभी को शपथ दिलाई इतना ही नहीं विश्व हिंदू परिषद के हिंदू जागरण अभियान से प्रशासन काफी परेशान रहता था वो जितना इन गतिविधियों को रोकने की कोशिश करते ये चारो उससे ज्यादा जोश खरोश से कुछ न कुछ ऐसे आयोजन करते थे जिससे प्रशासन की नींद हराम हो जाती थी यह सिलसिला 2002 तक निरंतर चलता रहा लेकिन संगठन से सहयोग नही मिलने के कारण इन लोगो ने विश्व हिंदू परिषद से किनारा कर लिया था लेकिन उनके व्दारा जलाई गई राम नवमी शोभा यात्रा की अलख अब अपने पूरे शबाब और प्रखंड ऊर्जा के साथ पूरी तरह प्रज्ज्वलित हो रही है |

इस शोभा यात्रा के आयोजन में स्व.रतन लाल अग्रवाल विद्या सागर पारिख महावीर वकील बीरबल गुप्ता बाबूलाल चंद्रा स्व. राम सूरत उपाध्याय कोशलेष मिश्रा उमेश उपाध्याय मनोज तेजवानी राजू मिश्रा राजेश हिंदुजा पदमन जुर्डा प्रमोद टिंगू बंजारी लाटरी मुकेश अग्रवाल आयुष अप्टिकल और कंगलू श्रीवास श्री मति अंजना मेहर संजय तमस्कर सुनील किदवाई प्रेम जमगाव पप्पू सिंधी अन्ना जी विष्णु अग्रवाल चौहान जी मजदूर संघ का विशेष सहयोग मिला था

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