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कैदी के पेट में मिला मोबाइल, तबीयत बिगड़ी तो लाया गया अस्पताल, एक्स-रे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा…

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बड़ी खबर सामने आई है. यहां एक कैदी के पेट में मोबाइल मिला है. कैदी तबीयत खराब होने पर उसे एसएमएस अस्पताल ले जाया गया था. वहां एक्स-रे जांच में उसके पेट में मोबाइल होने की पुष्टि हुई. उसके बाद आज एंडोस्कॉपी के जरिए मोबाइल निकाला गया.

हाइलाइट्स

• जयपुर के एसएमएस अस्पताल में सामने आया केस।

• मोबाइल कैदी के पेट में कैसे पहुंचा इसका अभी खुलासा नहीं हुआ।

जयपुर . राजस्थान के जयपुर में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में चौंकाने वाला एक मामला सामने आया. सवाई मानसिंह अस्पताल में डॉक्टर्स को एक मरीज के पेट की जांच में मोबाइल मिला. यह मोबाइल की पैड वाला था. उसके बाद डॉक्टर्स ने प्रोसिजर करके मरीज के पेट से मोबाइल बाहर निकाला है. यह मरीज विचाराधीन बंदी था. अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि मोबाइल उसके पेट में कैसे पहुंचा. जेल प्रशासन अभी कुछ नहीं बोल रहा है.

सूबे के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस के डॉक्टर्स के नाम जटिल से जटिल सर्जरी करने के कई रिकॉर्ड हैं. लेकिन कई बार डॉक्टर्स के सामने ऐसे भी मामले आते हैं जो हर किसी को हैरान कर देते हैं. ऐसा ही एक अजीब मामले में एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने एक मरीज के पेट से मोबाइल निकाला है. हैरानी की बात यह है कि जिस मरीज के पेट से मोबाइल निकाला गया है वो जयपुर जेल में था.

जानकारी के अनुसार हाल ही में जेल से एक विचाराधीन बंदी को शुक्रवार को एसएमएस अस्पताल लाया गया था. उसके बाद सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने उसकी जांच की. जांच में सामने आया कि मरीज के पेट में मोबाइल है. उसके बाद सर्जरी विभाग की चिकित्सक डॉ. शालु गुप्ता ने आज एंडोस्कॉपी के जरिए मुंह से मोबाइल निकाला. अभी कैदी की तबीयत ठीक बताई जा रही है. उसे डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है.

हालांकि अभी से बात साफ नहीं हो पाई है कि बंदी के पेट में मोबाइल कैसे चला गया था. लेकिन माना जा रहा है कि बंदी द्वारा मोबाइल निगल लिया गया होगा. अमूमन जेल में मोबाइल की जांच होती रहती है. ऐसे में मोबाइल छिपाने के लिए बंदी कई बार इस प्रकार की कोशिश करते हैं. इस मामले को लेकर अभी तक जयपुर जेल प्रशासन का कोई बयान सामने नहीं आया है. बहरहाल ये मामला चर्चा में बना हुआ है.

जोधपुर में भी सामने आ चुका है ऐसा ही मामला
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जोधपुर सेंट्रल जेल में ऐसा एक केस सामने आ चुका है जिसमें बंदी ने मल द्वार (गुदा) में मोबाइल छिपाने की कोशिश की थी. इससे उसकी तबीयत खराब हो गई थी. बाद में उसका ऑपरेशन कर मोबाइल को बाहर निकाला गया था. उस केस में भी जेल प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी थी कि आखिरकार बंदी के पास मोबाइल कहां से आया था.

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