आदिवासी विकास विभाग के टेंडर घोटाले में निर्माण शाखा का बाबू सचिन तिवारी है मास्टरमाइंड
एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले की निष्पक्ष जांच तक आरोपी बाबू सचिन तिवारी का अटैचमेंट खत्म करना है जरूरी, कर सकता है जांच को प्रभावित
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के आदिवासी विकास विभाग में बहुचर्चित एक करोड़ 18 लाख का टेंडर घोटाले में निर्माण शाखा के बाबू सचिन तिवारी की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में संलग्न सचिन तिवारी सहायक ग्रेड 3 दूसरों के नाम पर अपने ही विभाग में ठेकेदारी करता है तथा अपने क्रियाकलाप के लिए विवादास्पद रहे ।
इस बाबू सचिन तिवारी की मूल पद स्थापना शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बस्ती विकासखंड गौरेला है जो कांग्रेस के तत्कालीन कांग्रेसी विधायक डॉक्टर के के ध्रुव एवं तानाखार के तत्कालीन विधायक मोहित केरकेट्टा सहित तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत की अनुशंसा पर तत्कालीन कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा कांग्रेसी शासन काल में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में संलग्न किया गया था।
आरोप है कि इसी विवादित बाबू ने काली कमाई की लालच में एक करोड़ 18 लाख के टेंडर में गड़बड़ी करके घोटाले को अंजाम दिया है जिसकी जांच प्रभारी मंत्री गौरेला पेंड्रा मरवाही श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
आपको बताते चलें कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेसी शासन काल में 2023 में हुए इस घोटाले की शिकायत मेंदुरुपयोग की गई राशि की संबंधितों से वसूली एवं शासकीय धन के दुरुपयोग मामले में लिप्त सहायक आयुक्त,संबंधित निर्माण शाखा प्रभारी सचिन तिवारी सहायक ग्रेड 3 एवं ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस में आर्थिक अपराध दर्ज करने की मांग की है।
शिकायत के अनुसार कांग्रेसी शासन काल में 17 अगस्त 2023 को आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा आदिवासी विकास गौरेला पेंड्रा मरवाही को विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ 18 लख रुपए की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसमें अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में छत मरम्मत फिलिंगकार्य एवं फेंसिंग लगाने हेतु 12 लाख,
अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में बाउंड्री वॉल मरम्मत इंटरलॉकिंग ब्लॉक लगाने का कार्य नाली निर्माण 19.99 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में दरवाजा खिड़की मैग्नेट चैनल गेट लगाने एवं मरम्मत का कार्य प्रोफाइल सीट लगाने 19.99 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीडा परिषद गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में बाउंड्री वालों का अनुरक्षण कार्य 15 लाख,
अनुसूचित जनजाति बालक पीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में फ्लोरिंग कार्य टॉप ग्रेडिंग का कार्य 5.11 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में छात्रावास में बिजली कार्य 12.74 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में जिमनास्टिक हाल गुरुकुल के विद्युतीकरण का कार्य 13.45 लाख इस तरह कुल मिलाकर एक करोड़ 18 लाख 27 हजार के कार्य टेंडर प्रक्रिया का पालन करते हुए कराए जाने का निर्देश दिया गया था।
इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार फर्जीवाड़ा एवं अनियमितता की जानकारी मिलने पर कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही को सूचना के अधिकार के तहत 15 जनवरी 2024 को जानकारी मांगी थी। कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा 21 फरवरी 2024 को शिकायतकर्ता को जो जानकारी मिली उसे यह पूरा मामला अपने आप उजागर हो गया तब बीते 16 मार्च 2024 को इस मामले की शिकायत गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं आदिवासी विकास विभाग के मंत्री राम विचार नेताम को की थी।
शिकायतकर्ता ने बताया कि एक करोड़ 18 लाख 27 हजार के टेंडर में निविदा प्रकाशन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तथा सूचना के अधिकार में भ्रामक जानकारी प्रदान की गई निविदा को सीजी प्रोक्योरमेंट साइट पर नहीं डाला गया। इन सब के पीछे सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही की मंसा अपने पसंदीदा ठेकेदारों से सांठ गांठ कर घोटाले को अंजाम देना था।
शिकायतकर्ता के अनुसार इस निविदा में कुल राशि कि केवल 20 से 30% राशि से ही कार्य निपटा दिया गया तथा बाकी राशि की अधिकारी निर्माण शाखा के प्रभारी लिपिक एवं ठेकेदारों द्वारा बंदर बांट की गई जिसका मास्टरमाइंड निर्माण शाखा प्रभारी सचिन तिवारी है । पूरी निविदा प्रक्रिया संदेह के दायरे में है और उनकी बने समिति ने ठेकेदारों से सांठगांठ कर घोटाले को अंजाम दिया।
जिस खेल परिसर में मरम्मत का कार्य किया गया उसकी बाउंड्री वॉल पहले से ही अच्छी स्थिति में थी उसमें किसी भी प्रकार की दरार या टूट-फूट भी नहीं थी बावजूद इसके शासकीय धन को चुराने के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की गई। बाउंड्री वॉल मैं पुराने प्लास्टर को निकाल कर नया प्लास्टर करके शासकीय धन का हरण किया गया ।इसी तरह विद्युतीकरण मरम्मत दरवाजा सीढी आदि में भी शासन के पैसे का दुरुपयोग किया गया।
शिकायत में इस मामले में मांग की है की उक्त संपूर्ण टेंडर प्रक्रिया की जांच करते हुए कार्य का मूल्यांकन सत्यापन लोक निर्माण विभाग से करते हुए टेंडर प्रक्रिया की अति सुख जांच कराई जाए एवं समस्त दोषियों के खिलाफ शासकीय पैसे के दुरुपयोग का मामला दर्ज करते हुए आपराधिक मामला पंजीबद्ध किया जाए एवं दोषी अधिकारी निर्माण शाखा के प्रभारी एवं ठेकेदारों से वसूली सहित सभी पर आर्थिक अपराध पंजीबद्ध कराया जाए क्योंकि यह शासकीय धन के दुरुपयोग का मामला है।
लाखों रुपए के टेंडर घोटाले की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले में कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही को जांच करने के निर्देश दिए थे। प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश के बाद कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर प्रिया गोयल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर टेंडर घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया है परंतु अब जरूरी है
कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में संलग्न बाबू सचिन तिवारी कब संलग्न कारण समाप्त कर उसके मूल विद्यालय शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बस्ती विकासखंड गौरेला वापस भेजा जाए ताकि दस्तावेजों में हेरा फेरी ना की जा सके। इसी संबंध में आज 8 अप्रैल को कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही को ज्ञापन सौंपा गया है।
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