नो एंट्री में घुस रहे वाहन, रोकने वाला कोई नहीं. आखिर कौन है इसके जिम्मेदार? ट्रैफिक पुलिस या आमजनता?
ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी यहां तैनात रहते हैं इसके बावजूद नो एंट्री में घुसने वालों को रोकने वाला कोई नहीं। बाजार में 10,16,18 से अधिक पहिया वाहनों के घुसने से अकसर आम लोगो को मुसीबात का सामना करना पड़ता है।
रायगढ़/टक्कर न्यूज़ : शहर के व्यस्त चौक बाजार होने के बावजूद भारी वाहन नो एंट्री जोन में घुस जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी यहां तैनात रहते हैं, इसके बावजूद नो एंट्री में घुसने वालों को रोकने वाला कोई नहीं। बाजार में 10,16,18 से अधिक पहिया वाहनों के घुसने से अकसर आम लोगो को मुसीबात का सामना करना पड़ता है। बता दें कि बाजारों में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण के चलते पहले ही यहां से गुजरना मुश्किल होता है, वहीं बिना रोक-टोक नो एंट्री में घुस रहे भारी वाहन लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। जिसके कारण जान हानि का भी खतरा रहता है,कभी सुबह तो कभी श्याम इन्हे रोक वाला कोई नहीं होता आवाज लगा कर दिखा दिया जाए तो अनदेखा कर दिया जाता है ट्रैफिक पुलिसरा।
हालांकि, ट्रैफिक पुलिस शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को बहाल रखने में पूरी मुस्तैदी से पेश आने का ढिढोरा पिटती रहती है, मगर जमीनी स्तर पर होता कुछ भी नहीं है। गौरतलब है कि शहर के बाजार से लेकर चौक चौराहों तक दुकानदारों ने दुकानों के बाहर सामान रख कर अस्थायी कब्जे किए हुए हैं। शहर के प्रवेश द्वार काशीराम चौक, छातामुडा चौक, गोगा राइस मिल के पास पुलिस कर्मचारी की तैनाती के बावजूद भारी वाहन चालक बेखौफ होकर नो एंट्री में घुस रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा खानापूर्ति के लिए नियमों का उल्लंघन करने वाले कुछ वाहन चालकों के चालान काटे जाते हैं, पर अधिकतर वाहन चालकों पर पुलिस का रवैया भी नरम ही रहता है। इसके अलावा नगर निगम की ओर से भी जिला उपायुक्त एवं निगम कमिश्नर के आदेश के बावजूद बाजारों में अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों पर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस बारे में ट्रैफिक डी.एस.पी रमेश चंद्रा का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की तरफ से समय-समय पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के चालान काटे जाते हैं और दुकान के बाहर सामान लगाकर कब्जा करने वाले दुकानदारों का सामान भी अंदर करवाया जाता है।