Uncategorized

मीना बाजार में अव्यवस्थाओं का अंबार , सुविधाओं में कमी के बावजूद मीना बाजार संचालन की अनुमति को लेकर प्रशासन की कार्यशैली पर खड़े हो रहे कई सवाल?? जिम्मेदार कौन?…





रायगढ़:- जिले के ऐतिहासिक जन्माष्टमी उत्सव छत्तीसगढ़ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर है. गौरी शंकर मंदिर, श्याम मंदिर मे प्रत्येक वर्ष मन मोह लेने वाली झांकियां सभी को आकर्षित करती हैं जिले के प्रख्यात जन्माष्टमी पूर्व में महीनों मेला लगता है. मेले में मीना बाजार भी आकर्षक का प्रमुख केंद्र होता है, छत्तीसगढ़, उड़ीसा राज्य सहित कई शहर, गांव और कस्बों से प्रतिदिन हजारों लोग मेला घूमने आते हैं!आम जनता को मिलने वाली सामान्य सुविधाओं और सुरक्षा की दृष्टिकोण से मीना बाजार में बहुत सारी त्रुटियां और खामियां होने के बावजूद जिम्मेदारो की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक दिन पहले ही आकाश झूले के स्टाफ द्वारा इंदिरा नगर में रहने वाले युवक के पेट पर नुकीले हथियार से हमला हुआ था जिसमें अपुष्ट सूत्र बता रहे हैं कि पीड़ित युवक पर दबाव बनाने के लिए मीना बाजार संचालक के इशारे पर पीड़ित युवक के विरुद्ध लूटपाट की शिकायत की गई थी जबकि असल मामला कुछ इस तरह है कि पीड़ित युवक अपने परिवार के साथ मीना बाजार घूमने आया था और नशे में धुत आकाश झूले के किसी कर्मचारी द्वारा महिला के साथ छेड़छाड़ की गई जिसका विरोध करने पर युवक के ऊपर नुकीले हथियार से हमला करना बताया जा रहा किंतु उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर जिम्मेदारो के संरक्षण में युवक पर लूटपाट की झूठी शिकायत थाने में दर्ज कर पीड़ित युवक को समझौता के लिए मजबूर किया गया करना बताया जा रहा है। आपसी समझौता होने पर पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की किंतु ऐसी घटना समाज के लिए घातक है।

व्यवस्थाओं में ढेरों खामियां के बावजूद अनुमति…
तमाम अटकलों के बीच जिला प्रशासन द्वारा मीना बाजार लगाने की अनुमति दी गई है। लेकिन जन सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासनिक अनुमति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्य रूप से यातायात का दबाव और मीना बाजार के झूलों की गुणवत्ता, ऑपरेटरों का कार्य कौशल, मेले में आने वाले लोगों के लिए निशुल्क पीने की पानी, महिला- पुरुष व दिव्यांग और निःसक्त जनों के लिए सुलभ-शौचालय, मौत के कुआं मे दौड़ने वाले वाहनों का फिटनेस, वाहन चालकों के लाइसेंस, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, उत्पादकों के मूल्य, तथा सम्पूर्ण मीना बाजार उत्तर आय -व्यय लेखा-जोखा और मीना बाजार संचालक द्वारा शासन को मिलने वाले राजस्व की समीक्षा करने पर अनेकों सवाल खड़े हो रहे हैं।

माल धक्का रोड पर यातायात का भारी दबाव…
मेले में प्रतिदिन हजारों की संख्या में शहर पहुंचने की वजह से मीना बाजार लगने वाले माल धक्का रोड पर यातायात का दबाव बहुत अधिक होता है, सड़क किनारे सड़क के दोनों ओर अनेक दुकानों की गुमटियां संचालित होने से सड़क की चौड़ाई और कम हो गई है! कुछ लोग अवैध रूप से मोटी रकम वसूल कर इन दुकानदारों को दुकान संचालित करने के लिए जगह मुहैया कराने की जानकारी सामने आ रही है?

मीना बाजार के सभी स्टाप की पुलिस वेरिफिकेशन हो…
मीना बाजार में काम करने वाले सभी स्टाफ की पुलिस वेरिफिकेशन होनी चाहिए, जब किराएदार की पुलिस वेरिफिकेशन करना जरूरी है तो फिर एक माह तक मेले में आए बाहरी लोगों का मुसाफिरनामा के साथ-साथ मीना बाजार में कम कर रहे सभी कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जानकारी पुलिस के पास होनी चाहिए।

मिना बाजार में आगजनी से बचने के पर्याप्त संसाधनो की कमी?…
जन्माष्टमी मेले में ग्रामीण सहित शहर के लोग प्रतिदिन हजारों लाखों की संख्या में मीना बाजार महिलाओं और बच्चों के साथ घूमने आ रहे हैं तथा मीना बाजार के अंदर फास्ट फूड और अन्य जगहों पर गैस सिलेंडर के साथ चूल्हे जल रहे हैं तथा दर्शकों को लुभाने के लिए चकाचक रोशनी के साथ विद्युत की पर्याप्त व्यवस्था की गई है किंतु विद्युत के सॉर्ट सर्किट अथवा अन्य कारणों से आगजनी होने की स्थिति में बचाव के लिए अग्निशमन नियंत्रण सहित अन्य संसाधनों की कमी है जो कभी भी दुर्घटना घटने पर भारी पड़ सकती है।।

उत्पादकों के अधिकतम मूल्य से अधिक ऐंठ रहे हैं रुपए?…
मीना बाजार के अंदर खाने पीने की सामानों से लेकर अन्य उपकरण इलेक्ट्रॉनिक और बर्तन सामान्य भी मैक्सिमम रिटेल प्राइस अधिकतम मूल्य से अधिक दामों पर बेची जा रही है। तथा किसी भी उत्पादकों एवं सामानों का जीएसटी बिल नहीं दिया जा रहा है शासन को भी जमकर चूना लगाया जा रहा है।

सुलभ शौचालय की व्यवस्था बाद से भी बदतर….
सुलभ शौचालय का मीना बाजार के द्वारा पोस्टर लगाया गया है किंतु सुलभ शौचालय की व्यवस्था सुलभ और शौचालय की व्यवस्था बाद से भी बदतर है तथा सुलभ शौचालय तक पहुंचाने का रास्ता भी बहुत दुर्गम है।

मिना बाजार में जमकर हो रही शराब खोरी?
मीना बाजार के चंद कदमों की दूरी पर स्थित शराब की भट्टी मीना बाजार आने-जाने वाले लोगों सहित मीना बाजार में काम करने वाले शराब प्रेमियों के लिए सोने पर सुहागे जैसा है। सूत्रों की माने तो मीना बाजार के झूले सहित कई सारे स्टाफ शराब के नशे में धुत रहते हैं तथा महिलाओं और पुरुषों के साथ भी बदतमीजी से बात करते हैं। ऐसे में देखा जाए तो सड़कों पर पुलिस द्वारा खड़े होकर शराब की चेकिंग करने से ज्यादा बेहतर है कि जहां हमारी समाज की माताएं, बहने बड़ी संख्या में प्रतिदिन जा रहे हैं वहां काम करने वाले समस्त स्टाफ सहित मेला घूमने आए लोगों की शराब खोरी के साथ अंदर प्रवेश करने पर सख्त पाबंदी हो तथा गेट पर सभी लोगों की एंट्री के समय अल्कोहल टेस्ट लेनी चाहिए ताकि नशे की हालत में किसी प्रकार की अप्रत्याशित घटना मेले के अंदर घटित ना हो।।

आमजन के लिए पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं?…
जहां एक पेट्रोल पंप होटल से लेकर अस्पताल और टॉकीज में आम जनता के लिए पीने के पानी और निस्तार के लिए बाथरुम और टॉयलेट की व्यवस्था होती है वही वर्तमान में संचालित मीना बाजार में ना तो निशुल्क पानी मिल रही है और ना ही टॉयलेट की व्यवस्था है।

क्या मीना बाजार के अंदर सीसीटीवी पर्याप्त हैं? मीना बाजार आने वाले लोगों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर व्यवस्था है चुस्त दुरुस्त?….
बीते दिनों सोशल मीडिया और हम लोगों की जुबान पर मीना बाजार में हुए हमले और मारपीट की खबर रही तथा तस्वीर भी वायरल हुई जिसमें अकेले लोगों से पेट को मार कर लहू लुहान किया गया है इस घटना के मद्दे नजर सवाल यह उठना है कि क्या मीना बाजार के अंदर पर्याप्त सीसीटीवी और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध है सुविधाओं में तो कमी है ही मगर सुरक्षा के संसाधनों में भी कमी देखने को मिल रही है अगर पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे होते तो पूरी घटनाक्रम की दूध का दूध और पानी का पानी जिला प्रशासन के आंख के सामने होता या ऐसा भी संभव है कि पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे में सारे तथ्य होने के बावजूद जिम्मेदार तंत्र ही आंखों में पट्टी बांधे हो??


जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक उदासीनता समझ से परे?…
मीना बाजार मेले मे उपकरणों की गुणवत्ता, उपकरण संचालक के कार्य कौशल,यातायात का दबाव और सुविधाओं का अभाव जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की भूमिका बहुत ही संदिग्ध नजर आ रही है। राजनीतिक रसूख रखने वाले मेला संचालक एवं उनका सहयोग कर रहे जनप्रतिनिधि सहित जिला प्रशासन को अवैध उगाही की जानकारी ना हो ऐसा कैसे हो सकता है? आखिर किन लोगो के संरक्षण में इन वसूली गैंग के हौसले बुलंद हैं? मीना बाजार के गेट एंट्री टिकट, विभिन्न झूले सहित सभी दुकानों पर कच्ची रसीद दी जा रही है जिसमें आयोजक को प्राप्त होने वाली राशि का कोई पुख्ता लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है, जिसे शासन को राजस्व की हानि भी हो रही है! मीना बाजार में पुलिस की 24 घंटा ड्यूटी लगी हुई है जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों का भी आना जाना लगा रहता है मगर मीना बाजार मेले मे अव्यवस्था अंजान कैसे हैं आम जनता की सुविधा और सुरक्षा की व्यवस्था में कमी है तो अनुमति दी ही क्यों गई?
उक्त खबर और तमाम आरोपों को लेकर हमारे द्वारा संचालक से संपर्क करने काफी प्रयास किया मगर मीना बाजार के किसी भी संचालक के द्वारा संचालक कहां है यह नहीं बताया गया और ना ही उनका दूरभाष नंबर उपलब्ध कराया काफी देर तक मीना बाजार में इंतजार करने के बाद भी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई, इस वजह से उनका पक्ष इस समाचार में नहीं रखा जा सका।।

WhatsAppImage2024-01-27at1859541
WhatsAppImage2024-01-27at185954
WhatsAppImage2024-01-27at190002
WhatsAppImage2024-01-27at1900011
WhatsAppImage2024-01-27at185953
WhatsAppImage2024-01-27at1859531
WhatsAppImage2024-01-27at185959
WhatsAppImage2024-01-27at185952
WhatsAppImage2024-01-27at185957
WhatsAppImage2024-01-27at190001
WhatsAppImage2024-01-27at185955
WhatsAppImage2024-01-27at185958
WhatsAppImage2024-01-27at1859551
WhatsAppImage2024-01-27at1859561
WhatsAppImage2024-01-27at185956
previous arrow
next arrow

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!