वार्ड नंबर 25 विनोबानगर के सरकारी जमीन पर भूमाफिया जीवनलाल ईजारदार व सेवती बाई व उनके दो बेटो का कब्जा, नगर निगम कमिश्नर को शिकायत बाद भी कार्यवाही नही।
रायगढ़:- वार्ड नंबर 25 विनाबनगर के कुल 1 एकड़ सरकारी जमीन जिसका वर्तमान मूल्य करोड़ों में हैं उसपर जीवनलाल ईजारदार के द्वारा पुनः कब्जा किया जा रहा है, विगत कई वर्षों से जीवन ईजारदार के द्वारा उक्त जमीन में कई बार कब्जा कर मकान निर्माण करने की कोशिश की गई, किंतु शिकायत होने पर हर बार नगर निगम के द्वारा उक्त निर्माण को तुड़वा दिया गया, किंतु जैसे ही वार्ड नंबर 25 में कांग्रेस पार्षद सपना सिदार बनी तो जीवन ईजारदार ने उनसे सांठगांठ करके जमीन में कब्जा कर चारो ओर जाली बिछा कर घेरा बंदी कर दी गई, स्थानीय लोगों के द्वारा नगर निगम में कई बार शिकायत की गई किंतु जीवनलाल के द्वारा नगर निगम के संबंधित अधिकारी एवं पार्षद को खर्चपानी देकर मामला को दबा दिया। अब जीवन इजारदार के द्वारा उक्त जगह में पानी की टंकी बनाकर एक मजदूर दंपति को वहां बसने के लिए उद्देश्य से रखा गया है।
पार्षद सपना सिदार को शिकायत करने पर सरकारी जमीन को उनके निजी जमीन बताती है।
दरअसल में जब जीवन इजारदार के द्वारा उक्त जमीन को कब्जा किया गया तब मोहल्ले के कुछ लोगों के द्वारा पार्षद सपना को इसकी शिकायत की गई जिस पर पार्षद ने उल्टा यह कहा कि उक्त जमीन सेवती इजारदार की है तो आप लोगो को क्या दिक्कत हैं, जबकि उक्त जमीन उनके पिता स्व पुरुषोत्तम इजारदार के द्वारा कब्जा किया गया था किंतु जीवन एवं उसकी झगड़ालू पत्नी सेवती ईजारदार के द्वारा जमीन के लिए मारपीट किया गया जिससे तंग आकर पुरषोत्तम जी के द्वारा उक्त जमीन को विनोबा नगर के उत्थान के लिए सामुदायिक भवन या किसी शासकीय भवन या डिस्पेंसरी या मंगल भवन खोलने के उद्देश से शासन को सौंपते हुए, कब्जा मुक्त किया गया था, जिसका लिखित स्टांप पेपर दस्तावेज भी उपलब्ध है।
जीवन इजारदार एवं उनकी पत्नी सेवती इजारदार मिलकर पूर्व में विनोबानगर के लगभग 1 एकड़ से अधिक जमीन को प्लाटिंग करके बेचा जा चुके है,
दरअसल जीवन लाल इंडियन आर्मी में ड्राइवर थे एवं प्रमोशन पाकर कैप्टन रैंक से रिटायर्ड हुए जिसके एवज में उनको शासन के द्वारा बहुत सी सुविधाएं जांजगीर के ग्राम बम्हनीनडीह के करनौद में 5 एकड़ जमीन दी गई है बताया जाता है की उक्त जमीन भी उनके द्वारा फर्जी तरीके से कूटरचना करते हुए प्राप्त किया गया है, जिस पर अभी भी जांच चल रही है, इनका जमीन दलाली का ही काम है। यह सरकारी जमीन को देखते हैं कब्जा करते हैं फिर किसी मोटी पार्टी खोजकर बेच देते हैं।
क्या कहता है इंडियन आर्मी वेलफेयर नियम
दरअसल में अगर कोई इंडियन आर्मी में कोई सिपाही या सूबेदार तक के पद से सेवानिवृत्ति होता है तो उसको राज्य शासन के द्वारा 5 एकड़ जमीन जीवन गुजारने/सम्मान के तौर पर दी जाती है किंतु अगर वह गस्टेड ऑफिसर/ राजपत्रित रैंक में सेवानिवृत्ति होते हैं तो उनको पात्रता नहीं होती हैं।